Wednesday 7 September 2016

जन्नत में क़दमो की आहट, वुजु के फ़ज़ाइल पार्ट 08, बरकाते शरीअत पोस्ट -016

बरकाते शरीअत पोस्ट -016
👉🏽 वुजु के फ़ज़ाइल पार्ट 08

🔹بسم الله الرحمن الرحيم
🔹الصــلوةوالسلام‎ عليك‎‎يارسول‎الله
🔹ﷺ

    👇🏽जन्नत में क़दमो की आहट👇🏽

एक दिन सुबह को  हुजूरे अक़्दस صَلَّى اللّٰهُ عَلَئهِٖ وَسَلَّم ने  हजरत  बिलाल को  बुलाया
और फर्माया, ए  बिलाल ! किस  अमल के
सबब  जन्नत में  तू मुझ से आगे-आगे जा
रहा था !  मैं  रात  जन्नत में गया  तो  तेरे
पावं की  आहत  अपने आगे पाई। हजरते
बिलाल رَضِىَ اللّٰهُ تَعَالٰى عَنٔهने अर्ज़ किया
या रसूलल्लाह !  मैं जब अज़ान कहता हूं
उसके बाद दो रकअत नमाज़ पढ़ लेता हूं
और मेरा जब कभी वुजु टूटता हैं  तो वुजु
कर लिया करता हूं।

सरकारे मदीना صَلَّى اللّٰه ُ عَلَئهِٖ وَسَلَّم ने
इरशाद फ़रमाया, इसी सबब से।
📚 ( बहारे शरीअत : 2 /10 )

मेरे प्यारे आक़ा  صَلَّى اللّٰهُ عَلَئهِٖ وَسَلَّم  के
प्यारे दीवानो ! इस हदीस से पता चलता है कि
हजरत  बिलाल رَضِىَ اللّٰهُ  تَعَالٰى عَنٔه  दो
चीजों के पाबंद थे  जिसकी वजह से सरकारे
मदीना صَلَّى اللّٰهُ عَلَئهِٖ وَسَلَّم ने  जन्नत में
उनके क़दमो की आहत अपने आगे-आगे पाई
*1-* अज़ान के बाद दो रकअत नमाज़ (नफल)
पढ़ना ।  *2-* हमेशा  बा वुजु  रहना।  हम  भी
अगर इन दो चीजों के पाबंद हो जाऐं तो हमें भी
इन्शा अल्लाहु   तआला   उन की  बरकत  से
बे सुमार  फ़ज़ाइल व फवाइद  हासिल  होंगे।
हदीस शरीफ में  तो वुजु की मुहाफजत और
हमेशा  बावुजु  रहने  को  ईमान  की  कसौटी
करार   दिया   गया  है।   अल्लाह   के   प्यारे
रसूलصَلَّىاللّٰهُ عَلَئهِٖ وَسَلَّمने इरर्शाद फर्माया
वुजु की हिफाज़त सिर्फ मोमिन करता है।
📚 (सुनन इब्ने माज़ा :24)

लिहाज़ा हमेशा बा वुजु रहने की कोशिश करें
ताकि ईमान की कसौटी पर खरे उतर सकें और
मज़कूरा फ़ज़ाइल व फवाइद हासिल हो सकें।

अल्लाह عَزَّ وَجَلَّ हमे कहने सुनने से ज्यादा
अमल करनेकी तौफ़ीक़ अता करे
📚हवाला: बरकाते शरीअत स.90
       अताए हुजूर मुफ़्तीए आजम हिन्द
  मौलाना  मोहम्मद  शाकिर  अली  नूरी
          अमीर ए सुन्नी दावते इस्लामी

      
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किताबे: बरकाते शरीअत, बरकाते सुन्नते रसूल, माहे रामज़ान कैसें गुज़ारे, अन्य किताब लेखक: मौलाना शाकिर अली नूरी अमीर SDI हिन्दी टाइपिंग: युसूफ नूरी(पालेज गुजरात) & ऑनलाईन पोस्टिंग: मोहसिन नूरी मन्सुरी (सटाणा महाराष्ट्र) अल्लाह عَزَّ وَجَلَّ हमे कहने सुनने से ज्यादा अमल करने की तौफ़ीक़ अता करे आमीन. http://sditeam.blogspot.in