Wednesday 7 September 2016

दरजे बुलंद होते हैं, वुजु के फ़ज़ाइल पार्ट 09, बरकाते शरीअत पोस्ट -017

बरकाते शरीअत पोस्ट -017
👉🏽 वुजु के फ़ज़ाइल पार्ट 09


🔹بسم الله الرحمن الرحيم
🔹الصــلوةوالسلام‎ عليك‎‎يارسول‎الله
🔹ﷺ
           👇🏽दरजे बुलंद होते हैं👇🏽



हजरत अबू हुरैरा رَضِىَ اللّٰهُ تَعَالٰى عَنٔه से
रवायत है  कि हुजूर صَلَّى اللّٰهُ عَلَئهِٖ وَسَلَّم
ने इरशाद फ़रमाया तुम मेँ जब कोई अच्छी
तरह वुजु करके सिर्फ नमाज़ के  इरादे से
मस्जिद आता है तो वह जितने क़दम भी
चलता है अल्लाह عَزَّ وَجَلَّ हर क़दम  के
बदले उस के दर्ज़े बुलंद करता है और हर
क़दम के  बदल  उसके  गुनाह  मिटाता है
जब तक वो मस्जिद में दाखिल न होजाए
📚 ( इब्ने माज़ा : 1 /24 )

मेरे प्यारे आक़ा  صَلَّى اللّٰهُ عَلَئهِٖ وَسَلَّم  के
प्यारे दीवानो  इस  हदीस से  यह बात वाजेह
होती  है  कि  हमें  अपने  घर से  वुजु  करके
मस्जिद की  तरफ जाना ज्यादा फ़ज़ीलत का
हामिल है  कि घर से मस्जिद तक हम जितने
क़दम चलेंगे  अल्लाह عَزَّ وَجَلَّ  हमारे इतने
गुनाहों को  मिटा देगा  और हमारे  दर्जात को
उतना ही बुलंद फरमा देगा।  लिहाजा नमाज़
के लिये जब मस्जिद की तरफ जानेका इरादा
हो तो घर ही से वुजु करके चलें।

अल्लाह عَزَّ وَجَلَّ हमे कहने सुनने से ज्यादा
अमल करनेकी तौफ़ीक़ अता करे
📚हवाला: बरकाते शरीअत स.90
       अताए हुजूर मुफ़्तीए आजम हिन्द
  मौलाना  मोहम्मद  शाकिर  अली  नूरी
          अमीर ए सुन्नी दावते इस्लामी

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किताबे: बरकाते शरीअत, बरकाते सुन्नते रसूल, माहे रामज़ान कैसें गुज़ारे, अन्य किताब लेखक: मौलाना शाकिर अली नूरी अमीर SDI हिन्दी टाइपिंग: युसूफ नूरी(पालेज गुजरात) & ऑनलाईन पोस्टिंग: मोहसिन नूरी मन्सुरी (सटाणा महाराष्ट्र) अल्लाह عَزَّ وَجَلَّ हमे कहने सुनने से ज्यादा अमल करने की तौफ़ीक़ अता करे आमीन. http://sditeam.blogspot.in