👉🏽 माहे रमज़ान कैसे गुजारे ? ? ? 👈🏽
👉🏽 #पार्ट -01
🔹بسم الله الرحمن الرحيم
🔹الصــلوةوالسلام عليكيارسولالله
🔹ﷺ
👇🏼आखों की तकलीफ दूर👇🏼
जो शख्स माहे रमज़ान मुबारक का चाँद
देख कर हम्द व षना बजा लाए और सात
मरतबा सुरे फातेहा पढ़ ले तो उसे महीना
भर आखों में किसी भी किस्म की शिकायत
नहीं होगी।
📚 नुजहतुल मजालिस, जी.1, स.575
👇🏼आफत और बला से महफूज👇🏼
किताबुल बरकत में हजरत मसऊदी رحمت الله عليه से मरवी है कि जो माहे
रमजानुल मुबारक की पहली शब सूरे फतह
पढ़ता है वह साल भर हर किस्म की आफत
व बलइय्यात से महफूज रहता है
📚 (हवाला) माहे रमज़ान कैसे गुजारे
मुसन्निफ़ अताए हुजूर मुफ़्तीए आजम हिन्द
मौलाना मोहम्मद शाकिर अली नूरी
अमीर ए सुन्नी दावते इस्लामी
अल्लाह عَزَّ وَجَلَّ हमे कहने सुनने से ज्यादा
अमल करनेकी तौफ़ीक़ अता करे
👉🏽 #पार्ट -01
🔹بسم الله الرحمن الرحيم
🔹الصــلوةوالسلام عليكيارسولالله
🔹ﷺ
👇🏼आखों की तकलीफ दूर👇🏼
जो शख्स माहे रमज़ान मुबारक का चाँद
देख कर हम्द व षना बजा लाए और सात
मरतबा सुरे फातेहा पढ़ ले तो उसे महीना
भर आखों में किसी भी किस्म की शिकायत
नहीं होगी।
📚 नुजहतुल मजालिस, जी.1, स.575
👇🏼आफत और बला से महफूज👇🏼
किताबुल बरकत में हजरत मसऊदी رحمت الله عليه से मरवी है कि जो माहे
रमजानुल मुबारक की पहली शब सूरे फतह
पढ़ता है वह साल भर हर किस्म की आफत
व बलइय्यात से महफूज रहता है
📚 (हवाला) माहे रमज़ान कैसे गुजारे
मुसन्निफ़ अताए हुजूर मुफ़्तीए आजम हिन्द
मौलाना मोहम्मद शाकिर अली नूरी
अमीर ए सुन्नी दावते इस्लामी
अल्लाह عَزَّ وَجَلَّ हमे कहने सुनने से ज्यादा
अमल करनेकी तौफ़ीक़ अता करे
No comments:
Post a Comment
किताबे: बरकाते शरीअत, बरकाते सुन्नते रसूल, माहे रामज़ान कैसें गुज़ारे, अन्य किताब लेखक: मौलाना शाकिर अली नूरी अमीर SDI हिन्दी टाइपिंग: युसूफ नूरी(पालेज गुजरात) & ऑनलाईन पोस्टिंग: मोहसिन नूरी मन्सुरी (सटाणा महाराष्ट्र) अल्लाह عَزَّ وَجَلَّ हमे कहने सुनने से ज्यादा अमल करने की तौफ़ीक़ अता करे आमीन. http://sditeam.blogspot.in