बरकाते शरीअत पोस्ट -024
🔹الصــلوةوالسلام عليكيارسولالله
🔹ﷺ
हजरत आइशा सिद्दीका رضي الله عنها से
रवायत है कि हुजूर صَلَّى اللّٰهُ عَلَئهِٖ وَسَلَّم
ने इरशाद फ़रमाया "मिस्वाक मुंह को पाक
करने वाली और परवरदिगार को राज़ी
करने वाली चीज है। "
📚 ( अनवारुल हदीस : 133 )
हज़रत अबू हुरैरा رَضِىَ اللّٰهُ تَعَالٰى عَنٔه से
रवायत है कि हुजूर صَلَّى اللّٰهُ عَلَئهِٖ وَسَلَّم
ने इर्शाद फर्माया "अगर मुझे अपनी उम्मत
पर दुशवार न लगता तो मैं उन्हें हर नमाज़
के वक़्त मिस्वाक करने का हुक्म देता।"
📚 ( मुस्लिम शरीफ )
मेरे प्यारे आक़ा صَلَّى اللّٰهُ عَلَئهِٖ وَسَلَّم के
प्यारे दीवानो ! पहली हदीस में मिस्वाक के दो
फवाइद जिक्र किये गए, एक दुन्यावी फायदा
कि उससे मुंह सुथरा हो जाता है और दूसरा
उखरावी फायदा कि उसके जरिये अल्लाह की
ख़ुशनूदी हासिल होती है। और दूसरी हदीस में
उम्मत को नबी ए करीम صَلَّىللّٰهُ عَلَئهِٖ وَسَلَّم
ने रगबत दिलाई की मिस्वाक मुझे इस हदतक
महबूब है कि अगर उम्मत की दुशवारी का
एहसास न होता तो उन पर मिस्वाक करना
लाजिम कर दिया जाता इस से मिस्वाक की
अहमियत बिलकुल वाजेह हो जाती है कि
मिस्वाक करना खुद एक अहम सुन्नत की
हैसियत रखता है और दुनियवी व उखरवी
फवाइद का भी हामिल है। लिहाजा हमें
कोशिश करनी चाहिये कि हर नमाज़ के लिये
वुजू करते वक़्त मिस्वाक कर लिया करें,
अलबत्ता अगर मिस्वाक न मयस्सर हो तो
अपनी उंगलिको मिस्वाक की जगह इस्तेमाल
करलें कि सरकार صَلَّى اللّٰهُ عَلَئهِٖ وَسَلَّم ने
इरशाद फ़रमाया " उंगलियां मिस्वाक से
किफ़ायत करती है। "
📚 ( सुनने कुबरा : 1/41 )
उंगलीका इस्तेमाल करना अगर्चे मिस्वाक की
जगह काफी होगा मगर मिस्वाक की फ़ज़ीलत
नही हासिल हो पाएगी, लिहाजा कोशिश करें
कि मिस्वाक ही इस्तेमाल किया जाए।
अल्लाह عَزَّ وَجَلَّहमे कहने सुनने से ज्यादा
अमल करनेकी तौफ़ीक़ अता करे
📚हवाला: बरकाते शरीअत स.96
अताए हुजूर मुफ़्तीए आजम हिन्द
मौलाना मोहम्मद शाकिर अली नूरी
अमीर ए सुन्नी दावते इस्लामी
SDI Web Visit : www.sunnidawateislami.net
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🔹بسم الله الرحمن الرحيم🔹الصــلوةوالسلام عليكيارسولالله
🔹ﷺ
👇🏽मिस्वाक भी कर लें👇🏽
रवायत है कि हुजूर صَلَّى اللّٰهُ عَلَئهِٖ وَسَلَّم
ने इरशाद फ़रमाया "मिस्वाक मुंह को पाक
करने वाली और परवरदिगार को राज़ी
करने वाली चीज है। "
📚 ( अनवारुल हदीस : 133 )
हज़रत अबू हुरैरा رَضِىَ اللّٰهُ تَعَالٰى عَنٔه से
रवायत है कि हुजूर صَلَّى اللّٰهُ عَلَئهِٖ وَسَلَّم
ने इर्शाद फर्माया "अगर मुझे अपनी उम्मत
पर दुशवार न लगता तो मैं उन्हें हर नमाज़
के वक़्त मिस्वाक करने का हुक्म देता।"
📚 ( मुस्लिम शरीफ )
मेरे प्यारे आक़ा صَلَّى اللّٰهُ عَلَئهِٖ وَسَلَّم के
प्यारे दीवानो ! पहली हदीस में मिस्वाक के दो
फवाइद जिक्र किये गए, एक दुन्यावी फायदा
कि उससे मुंह सुथरा हो जाता है और दूसरा
उखरावी फायदा कि उसके जरिये अल्लाह की
ख़ुशनूदी हासिल होती है। और दूसरी हदीस में
उम्मत को नबी ए करीम صَلَّىللّٰهُ عَلَئهِٖ وَسَلَّم
ने रगबत दिलाई की मिस्वाक मुझे इस हदतक
महबूब है कि अगर उम्मत की दुशवारी का
एहसास न होता तो उन पर मिस्वाक करना
लाजिम कर दिया जाता इस से मिस्वाक की
अहमियत बिलकुल वाजेह हो जाती है कि
मिस्वाक करना खुद एक अहम सुन्नत की
हैसियत रखता है और दुनियवी व उखरवी
फवाइद का भी हामिल है। लिहाजा हमें
कोशिश करनी चाहिये कि हर नमाज़ के लिये
वुजू करते वक़्त मिस्वाक कर लिया करें,
अलबत्ता अगर मिस्वाक न मयस्सर हो तो
अपनी उंगलिको मिस्वाक की जगह इस्तेमाल
करलें कि सरकार صَلَّى اللّٰهُ عَلَئهِٖ وَسَلَّم ने
इरशाद फ़रमाया " उंगलियां मिस्वाक से
किफ़ायत करती है। "
📚 ( सुनने कुबरा : 1/41 )
उंगलीका इस्तेमाल करना अगर्चे मिस्वाक की
जगह काफी होगा मगर मिस्वाक की फ़ज़ीलत
नही हासिल हो पाएगी, लिहाजा कोशिश करें
कि मिस्वाक ही इस्तेमाल किया जाए।
अल्लाह عَزَّ وَجَلَّहमे कहने सुनने से ज्यादा
अमल करनेकी तौफ़ीक़ अता करे
📚हवाला: बरकाते शरीअत स.96
अताए हुजूर मुफ़्तीए आजम हिन्द
मौलाना मोहम्मद शाकिर अली नूरी
अमीर ए सुन्नी दावते इस्लामी
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किताबे: बरकाते शरीअत, बरकाते सुन्नते रसूल, माहे रामज़ान कैसें गुज़ारे, अन्य किताब लेखक: मौलाना शाकिर अली नूरी अमीर SDI हिन्दी टाइपिंग: युसूफ नूरी(पालेज गुजरात) & ऑनलाईन पोस्टिंग: मोहसिन नूरी मन्सुरी (सटाणा महाराष्ट्र) अल्लाह عَزَّ وَجَلَّ हमे कहने सुनने से ज्यादा अमल करने की तौफ़ीक़ अता करे आमीन. http://sditeam.blogspot.in