Tuesday 18 April 2017

Wazayaf


***** Wazayaf *****


* अपनी मर्ज़ी की जगह शादी करने के लिए हर नमाज़ के बाद 241 बार या अज़ीज़ो या जामेओ يا عزيز يا جامع अव्वल आखिर 11,11 बार दरूद शरीफ

📕 रूहानी इलाज,सफह 203

* कहीं सख्त आग लग गई हो तो उसे बुझाने के लिए सूरह वद्दोहा पढ़कर 7 कंकरियों पर दम करें कि हर कंकरी पर एक बार पढ़कर आग में फेंकता जाये,इन शा अल्लाह आग बुझ जायेगी

📕 मसाएलुल क़ुरान,सफह 287

* जो किसी मुसीबत ज़दा को देखकर ये दुआ الحمد لله اللذي عافاني مما ابتلاك به وفضلني على كثير ممن خلق تفضيلا अलहम्दो लिल्लाहिल लज़ी आअफ़ानी मिम्मब तलाका बेहि वफ'द्दलानी अला कसीरिम मिम्मन खलाक़ा तफदी'ला पढ़ लेगा,इंशा अल्लाह खुद कभी उस मुसीबत में गिरफ्तार ना होगा मगर बुखार ज़ुकाम खुजली और आंखों के दर्द में ना पढ़ी जाए कि इन अमराज़ की हदीस मे बड़ी तारीफ आई है

📕 अलमलफूज़,हिस्सा 1,सफह 14

* जिस पर जादू किया गया हो उस पर 100 बार सूरह फलक़ और सूरह नास पढ़कर दम करें इं शा अल्लाह जादू का असर ज़ायल होगा

📕 जन्नती ज़ेवर,सफह 475

* जिस किसी से उसकी महबूब चीज़ छीन ली गयी हो तो वो गुस्ल करके पाक कपड़ा पहने और हलाल रिज्क़ से सदक़ा देकर उसके बाद 2 रकात नमाज़ नफ्ल पढ़े,बाद नमाज़ 70 बार يا بديع سموت والأرض يا قاضي الحاجات या बदीउ'स समावाते वलअ'र्द या क़ा'दियल हाजात और 1000 बार يا بديع या बदी'ओ पढ़े,इंशा अल्लाह कामयाब होगा

📕 शम्ये शबिस्ताने रज़ा,हिस्सा 2,सफह 252

* हर नमाज़ के बाद इसके हमेशा पढ़ने से बेशुमार बरक़ते दीनो दुनिया की ज़ाहिर होंगी,अव्वल आखिर 3 बार दुरुदे पाक फिर 100 बार,बाद नमाज़े फज्र 'या अज़ीज़ो या अल्लाहो' बाद नमाज़े ज़ुहर 'या करीमो या अल्लाहो' बाद नमाज़े अस्र 'या जब्बारो या अल्लाहो' बाद नमाज़े मग़रिब 'या सत्तारो या अल्लाहो' बाद नमाज़े इशा 'या ग़फ्फारो या अल्लाहो'

ياعزيز يا الله
يا كريم يا الله
يا جبّار يا الله
يا ستّار يا الله
يا غفّار يا الله

📕 शजरये रज़वियह,सफह 24

* जो रोज़ाना 7 बार 'अलबारिओ' البارى पढ़ेगा उसे अज़ाबे कब्र ना होगा इं शा अल्लाह

📕 सोलह सूरह,सफह 214

*मगर ये याद रखें जो शख्स नमाज़ ना पढ़े और अलग अलग कामों के लिये वज़ीफा पढ़ता रहे तो क़यामत के दिन उसका वज़ीफा उसके मुंह पर मार दिया जायेगा लिहाज़ा पहले नमाज़े पंजगाना की आदत डालें*

📕 फतावा रज़वियह,जिल्द 3,सफ़ह 82

  -------------------------------------------------------

No comments:

Post a Comment

किताबे: बरकाते शरीअत, बरकाते सुन्नते रसूल, माहे रामज़ान कैसें गुज़ारे, अन्य किताब लेखक: मौलाना शाकिर अली नूरी अमीर SDI हिन्दी टाइपिंग: युसूफ नूरी(पालेज गुजरात) & ऑनलाईन पोस्टिंग: मोहसिन नूरी मन्सुरी (सटाणा महाराष्ट्र) अल्लाह عَزَّ وَجَلَّ हमे कहने सुनने से ज्यादा अमल करने की तौफ़ीक़ अता करे आमीन. http://sditeam.blogspot.in