Monday 17 April 2017

फज़ाइले सदक़ा हिस्सा-2


हिस्सा-2  फज़ाइले सदक़ा



* फर्ज़ो के बाद एक मुसलमान का अपने मुसलमान भाई का दिल खुश करना अल्लाह को सबसे ज़्यादा पसंद है और जो शख्स किसी मुसलमान की कोई हाजत पूरी करता है तो अल्लाह उसकी हाजत पूरी करता है और जो कोई किसी मुसलमान से कोई तकलीफ दूर करता है तो मौला तआला क़यामत के दिन उसकी तकलीफ को दूर कर देगा

📕 इज़ानुल अज्रे फी अज़ानिल क़ब्रे,सफह 19-20

* तालिबे इल्म पर एक रुपया खर्च करना ऐसा है जैसे उसने उहद पहाड़ के बराबर सदक़ा किया

📕 क्या आप जानते हैं,सफह 385

* हुज़ूर सल्लललाहो तआला अलैहि वसल्लम फरमाते हैं कि बन्दे का राहे खुदा में 1 दरहम खर्च करना कभी कभी 1 लाख दरहम खर्च करने से भी आगे बढ़ जाता है सहाबा इकराम ने पूछा या रसूल अल्लाह सल्लललाहो तआला अलैहि वसल्लम किस तरह तो आप फरमाते हैं कि किसी के पास कसीर माल है और उसने उसमे से 1 लाख दरहम खर्च किया मगर किसी के पास 2 ही दरहम थे और उसने उसमे से 1 दरहम खर्च कर दिया तो उसके 1 दरहम का सवाब 1 लाख दरहम से भी आगे बढ़ जायेगा

📕 बहारे शरीयत,हिस्सा 5,सफह 89

* जो अल्लाह की रज़ा के लिए मस्जिद तामीर कराये (यानि उसमे हिस्सा ले) तो अल्लाह उसके लिए जन्नत में मोतियों और याक़ूत से महल बनायेगा

📕 फतावा रज़वियह,जिल्द 3,सफह 591

*सदक़ा क्या होता है और क्या कर सकता है उसके लिये ये रिवायत पढ़िये*

* एक ज़िनाकार औरत एक जगह से गुज़री जहां एक कुत्ता प्यासा था वो कुंअे में मुंह लटकाए पानी को देख रहा था,उस औरत ने अपने चमड़े का मोज़ा उतारा और अपने दुपट्टे में बांधकर कुंअे से पानी निकालकर उस कुत्ते को पिलाया उसके इस अमल से मौला खुश हो गया और उसकी मगफिरत हो गई

📕 बुखारी,जिल्द 2,सफह 409

* हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम के पास एक शख्स आया और कहने लगा कि हज़रत आप मुझे जानवरों की बोलियां सिखा दीजिये आपने उसको मना किया कि इसमे कसीर हिकमतें है लिहाज़ा अपने इस शौक से रुजू करो मगर वो नहीं माना आपने मौला से बात की तो वो फरमाता है कि अगर ये बाज़ नहीं आता तो सिखा दो तो आपने उसे जानवरों की बोलियां सिखा दी
उसके घर में एक मुर्गा और एक कुत्ता पला हुआ था मालिक ने जब रोटी का टुकड़ा फेंका तो मुर्गे ने झट से उठा लिया इस पर कुत्ता बोला कि ये तूने गलत किया कि तेरी गिज़ा दाना दुनका है और तूने मेरी रोटी उठा ली,तो मुर्गा बोला परेशान ना हो कल मालिक का बैल मर जायेगा वो उसे यहीं कहीं फेंक देगा जितना चाहे खा लेना,मालिक ने उन दोनों की बात सुन ली और दूसरे दिन सुबह सुबह ही वो बैल को बाज़ार में बेच आया दूसरे दिन कुत्ते ने कहा कि तुमने झूठ बोला और बिला वजह मुझे उम्मीद दी तो मुर्गा कहने लगा कि मैंने झूठ नहीं कहा था मालिक ने अक्लमंदी दिखाते हुए अपनी मुसीबत दूसरे के गले डाल दी खैर कल मालिक का घोड़ा मर जायेगा तब तुम उसे खा लेना,मालिक ने सुना और दूसरे दिन घोड़ा भी बेच आया अब कुत्ते ने झल्लाते हुए कहा कि तुम बिल्कुल झूठे हो तुम्हारी कोई बात सच्ची नहीं,तो मुर्गा बोला कि ऐसा नहीं है मालिक जिसको अक़्लमंदी समझ रहा है वो उसकी सबसे बड़ी बेवकूफी है क्योंकि मौला ने उस पर कुछ मुसीबतें डाली थी जिसको उसके घर के जानवरों ने अपने सर पर ले लिया कि अगर वो मर जाते तो उसका फिदिया बन जाता मगर अब जबकि उसने अपना माल कुछ ना छोड़ा तो अब कल वो खुद मरेगा अब तो घर में दावत होगी जितना चाहे खा लेना
अब जो मालिक ने सुना तो उसके होश उड़ गए वो भागता हुआ हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम की बारगाह में पहुंचा और सारी बात कह डाली,तो आप फरमाते हैं कि मैंने तो पहले की कहा था कि जो कुछ बन्दों से छिपाकर रखा गया है उसमें उनके ही लिए भलाई है मगर तुम ना माने अगर तुम उनकी बोली ना सीखते तो उन जानवरों की मौत तुमहारी तरफ से सदक़ा हो जाती और तुम्हारी जान बच जाती मगर तुमने उन्हें दूर कर दिया अब ये क़ज़ा टल नहीं सकती कल तुम यक़ीनन मरोगे,और दूसरे दिन वो मर गया

📕 सच्ची हिकायत,सफह 97

जारी रहेगा...........
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किताबे: बरकाते शरीअत, बरकाते सुन्नते रसूल, माहे रामज़ान कैसें गुज़ारे, अन्य किताब लेखक: मौलाना शाकिर अली नूरी अमीर SDI हिन्दी टाइपिंग: युसूफ नूरी(पालेज गुजरात) & ऑनलाईन पोस्टिंग: मोहसिन नूरी मन्सुरी (सटाणा महाराष्ट्र) अल्लाह عَزَّ وَجَلَّ हमे कहने सुनने से ज्यादा अमल करने की तौफ़ीक़ अता करे आमीन. http://sditeam.blogspot.in