*🔹الصــلوةوالسلام عليكيارسولالله*
*🔹ﷺ*
*इत्तेबाए सुन्नत की जरूरत व अहमियत*
मेरे प्यारे आक़ा صَلَّى اللّٰهُ عَلَئهِٖ وَسَلَّم के
प्यारे दीवानो ! यह बात कतई और यकीनी है
की हुजूरصَلَّى اللّٰهُ عَلَئهِٖ وَسَلَّمके अक्वाल
व आमाल लाइके इत्तेबाअ व इकतेदा है क्यों
की आप ने जो कुछ भी कहा खाकदाने गीती
पर बसने वाले इन्सानों के लिये उसमे फायदा
पिन्हां है। आपने जो कहा सारी कायनात के
लिये वही सच्चा रास्ता और सिराते मुस्तकीम
है। आप के अक़वाल की अहमियत क़ुरआने
मुक़द्दस की इस आयतसे आशकार होती है :
*" तर्जमा :- और वह कोई बात अपनी*
*खवाहिशसे नही करते, वह तो नही मगर*
*वही जो उन्ही की जाती है।"*
*
(सूरए नज्म, आयत: 13)*
प्यारे दीवानो ! यह बात कतई और यकीनी है
की हुजूरصَلَّى اللّٰهُ عَلَئهِٖ وَسَلَّمके अक्वाल
व आमाल लाइके इत्तेबाअ व इकतेदा है क्यों
की आप ने जो कुछ भी कहा खाकदाने गीती
पर बसने वाले इन्सानों के लिये उसमे फायदा
पिन्हां है। आपने जो कहा सारी कायनात के
लिये वही सच्चा रास्ता और सिराते मुस्तकीम
है। आप के अक़वाल की अहमियत क़ुरआने
मुक़द्दस की इस आयतसे आशकार होती है :
*" तर्जमा :- और वह कोई बात अपनी*
*खवाहिशसे नही करते, वह तो नही मगर*
*वही जो उन्ही की जाती है।"*
*
आपके अखलाके करीमाना के बारेमें क़ुर्आने
मुक़द्दस इरशाद फ़रमाता है : *बेशक तुम्हे*
*रसूलुल्लाह की पैरवी बेहतर है।*
*
(सूरए अहबाब, आयत: 21)*
मुक़द्दस इरशाद फ़रमाता है : *बेशक तुम्हे*
*रसूलुल्लाह की पैरवी बेहतर है।*
*
यह आयते करीमा सामने रखते हुए हजरत
आइशा सिद्दीकाرَضِىَ اللّٰه ُ تَعَالٰى عَنٔهَا की
बयान करदा इस हदीस पर गौर करे *" हुजूर*
*रहमते आलम صَلَّى اللّٰهُ عَلَئهِٖ وَسَلَّم*
*के अख्लाके करीमाना सरापा क़ुरर्आने*
*मुक़द्दस के तर्जमान थे। "*
*
मुसनद अहमद, हिस्सा: 41, स:148*
आइशा सिद्दीकाرَضِىَ اللّٰه ُ تَعَالٰى عَنٔهَا की
बयान करदा इस हदीस पर गौर करे *" हुजूर*
*रहमते आलम صَلَّى اللّٰهُ عَلَئهِٖ وَسَلَّم*
*के अख्लाके करीमाना सरापा क़ुरर्आने*
*मुक़द्दस के तर्जमान थे। "*
*
अब नतीजा यह निकलेगाकी सरकारे मदीना
रहमते आलम صَلَّى اللّٰه ُ عَلَئهِٖ وَسَلَّم के
अक़वाल, आमाल, अख़लाक़ व किरदार सब
क़ुरआने मुक़द्दस की आयते बय्यनात की
तर्जमानी करते है। यही वजह है कि अल्लाह عَزَّ وَجَلَّ ने कुरआने मुक़द्दस में जगह जगह
रसूले आज़म صَلَّى اللّٰهُ عَلَئهِٖ وَسَلَّم की
इत्तेबाअ व पैरवी करनेकी ताकीद फ़रमाई है
*
हवाला: बरकाते सुन्नते रसूल स.62*
*-: हस्बे फरमाइश :-*
अताए हुजूर मुफ़्तीए आजम हिन्द
*मौलाना मोहम्मद शाकिर अली नूरी*
अमीर ए सुन्नी दावते इस्लामी
रहमते आलम صَلَّى اللّٰه ُ عَلَئهِٖ وَسَلَّم के
अक़वाल, आमाल, अख़लाक़ व किरदार सब
क़ुरआने मुक़द्दस की आयते बय्यनात की
तर्जमानी करते है। यही वजह है कि अल्लाह عَزَّ وَجَلَّ ने कुरआने मुक़द्दस में जगह जगह
रसूले आज़म صَلَّى اللّٰهُ عَلَئهِٖ وَسَلَّم की
इत्तेबाअ व पैरवी करनेकी ताकीद फ़रमाई है
*
*-: हस्बे फरमाइश :-*
अताए हुजूर मुफ़्तीए आजम हिन्द
*मौलाना मोहम्मद शाकिर अली नूरी*
अमीर ए सुन्नी दावते इस्लामी
अल्लाह عَزَّ وَجَلَّ हमे कहने सुनने से ज्यादा
अमल करनेकी तौफ़ीक़ अता करे
अमल करनेकी तौफ़ीक़ अता करे
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किताबे: बरकाते शरीअत, बरकाते सुन्नते रसूल, माहे रामज़ान कैसें गुज़ारे, अन्य किताब लेखक: मौलाना शाकिर अली नूरी अमीर SDI हिन्दी टाइपिंग: युसूफ नूरी(पालेज गुजरात) & ऑनलाईन पोस्टिंग: मोहसिन नूरी मन्सुरी (सटाणा महाराष्ट्र) अल्लाह عَزَّ وَجَلَّ हमे कहने सुनने से ज्यादा अमल करने की तौफ़ीक़ अता करे आमीन. http://sditeam.blogspot.in