*बरकाते शरीअत पोस्ट -005*
*🔹الصــلوةوالسلام عليكيارسولالله*
*🔹ﷺ*
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🏽 अक़ीदा अंबिया, मलाइका*
*के मुताल्लिक़ अकाइद पोस्ट-2*
अल्लाह तआला ने अपने नबियों को गैब की
बाते बताई, नबियों को यह इल्मे गैब अल्लाहतआला के दिये से है। नबियों का इल्मे गैब
अताई है और अल्लाह तआला का इल्मे गैब
चूंकि किसी का दिया हुआ नही है बल्कि उसे
खुद हासिल है लिहाजा उसका इल्म जाती है।
इसी लिये अम्बियाए किराम के लिये इल्मे गैब
मानना शिर्क नही बल्कि ईमान है जैसा की
बहुतसी आयतो और अहादीस से साबित है।
आक़ा صَلَّى اللّٰهُ عَلَئه ِٖ وَسَلَّم को तमाम
कायनात से पहले अपने नूर की तजल्ली से
पैदा फ़रमाया। अम्बिया, फिरिश्ते, जमीन व
आस्मान, अर्श व कुर्सी, तमाम जहान को
हुजूर صَلَّى اللّٰه ُ عَلَئهِٖ وَسَلَّم के नूर की
झलक से पैदा फ़रमाया। अल्लाह तआला ने
अपनी जात के बाद हर खूबी और कमालका
जामेअ नबी ए करीम صَلَّى اللّٰهُ عَلَئهِٖ وَسَلَّم
को बनाया। उसने अपने तमाम खजानों की
कुंजियां हुजूर صَلَّى اللّٰهُ عَلَئهِٖ وَسَلَّم को
अता फरमा दीं। दिन व दुनिया की तमाम
नेअमतों का देने वाला खुदा है और बांटने वाले
हुजूर صَلَّى اللّٰهُ عَلَئهِٖ وَسَلَّم है।
अकरमصَلَّى اللّٰهُ عَلَئهِٖ وَسَلَّمको बेदारी की
हालत में मेअराज अता फ़रमाई, यानि अर्शपर
बुलाया और अपना दीदार आखों से कराया
अपना कलाम सुनाया, जन्नत, दोजख, अर्श
कुर्सी वगेरा. तमाम चीजों की सैर कराई।
कयामत के दिन आपही सबसे पहले उम्मत की
शफ़ाअत फरर्माएगे, बन्दों के गुनाह माफ
कराऐंगे, दर्जेबुलंद कराएंगे,इनके अलावा और
बहोत सी खुसुसियतें है जिन की तफ़सील
उल्माए एहले सुन्नत की किताबों में मुलाहजा है
हिदायत के लिये अपने नबियों पर मुख़्तलिफ़
किताबें और सहीफे नाजिल फरमाए।
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और दीगर नबियों पर दूसरी कीताबें या सहीफे
नाजिल फरमाए। इन नबियों की उम्मतोंने इन
किताबों को घटा या बढ़ा दिया और अल्लाह
तआला के अहकाम को बदल डाला तब
अल्लाह तबारक व तआला ने हमारे प्यारे
आक़ा صَلَّى اللّٰهُ عَلَئهِٖ وَسَلَّم पर क़ुरआने
पाक नाजिल फ़रमाया, क़ुरआने पाक में हर
चीज का इल्म है। क़ुरआने पाक इब्तिदाए
इस्लाम से आज तक वैसा ही है जैसा नाजिल
हुआ था और हमेशा वैसा ही रहेगा। इस
क़ुरआने पाक पर ईमान लाना हर शख्स पर
लाजिम है। अब न कोई आने वाला है और न
कोई किताब आने वाली है। जो इस के
खिलाफ अक़ीदा रखे वह मोमिन नही।
मखलूक है अल्लाह तआलाने उन्हें ये ताकत
दी है की जो चाहे बन जाए। फिरिश्ते अल्लाह
तआला के हुक्म के खिलाफ कुछ नही करते
न जान -बुझ कर न भूल कर इस लिये की
फिरिश्ते मासूम होते है, अल्लाह तआला ने
बहुत से काम फिरिश्तों के सपुर्द फरमाया है,
कोई फिरिश्ता जान निकालने पर, कोई पानी
बरसाने पर, कोई मां के पेट में बच्चे की सूरत
बनाने पर और कोई बन्दों के नाम ए आमाल
लिखने पर मुकर्रर है, वगेरा।
नूरी जिस्म की मखलूक है। फिरिश्तो का
इन्कार करना, उन से गलती होने का इम्कान
माननाभी गुमराही है ऐसा शख्स मोमिन नही
मुसन्निफ़ अताए हुजूर मुफ़्तीए आजम हिन्द
*मौलाना मोहम्मद शाकिर अली नूरी*
अमीर ए सुन्नी दावते इस्लामी
अल्लाह عَزَّ وَجَلَّ हमे कहने सुनने से ज्यादा
अमल करनेकी तौफ़ीक़ अता करे
अमल करनेकी तौफ़ीक़ अता करे
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किताबे: बरकाते शरीअत, बरकाते सुन्नते रसूल, माहे रामज़ान कैसें गुज़ारे, अन्य किताब लेखक: मौलाना शाकिर अली नूरी अमीर SDI हिन्दी टाइपिंग: युसूफ नूरी(पालेज गुजरात) & ऑनलाईन पोस्टिंग: मोहसिन नूरी मन्सुरी (सटाणा महाराष्ट्र) अल्लाह عَزَّ وَجَلَّ हमे कहने सुनने से ज्यादा अमल करने की तौफ़ीक़ अता करे आमीन. http://sditeam.blogspot.in