Thursday, 25 August 2016

🏽 गुनाह झड़ते है, वुजु के फ़ज़ाइल पार्ट 03, बरकाते शरीअत पोस्ट -011

बरकाते शरीअत पोस्ट -011
👉🏽 वुजु के फ़ज़ाइल पार्ट 03

🔹بسم الله الرحمن الرحيم
🔹الصــلوةوالسلام‎ عليك‎‎يارسول‎الله
🔹ﷺ

          👇🏽 गुनाह झड़ते है 👇🏽
जो बन्दा वुजु करता है तो वुजु की बरकत से
उस के  बदन से  गुनाह  झड़ जाते है,  चुनांचे
हजरत  उस्मान  رَضِىَ اللّٰهُ  تَعَالٰى عَنٔه  ने
कहा कि  हुजूर  صَلَّى اللّٰهُ  عَلَئهِٖ وَسَلَّم  ने
इरशाद फ़रमाया : जो  शख्स  अच्छी  तरह
वुजु करे तो उसके गुनाह उसके जिस्म से
निकल   जाते  हैं   यहां  तक कि   उस के
नाखूनों के निचे से भी निकल जाते हैं।
📚 ( अनवारुल हदीस : 132 )

हजरत अब्दुल्लाह सनाबही ने
रसूलुल्लाह  صَلَّى  اللّٰهُ  عَلَئه ِٖ وَسَلَّم  से
रवायत की है  कि आपने फ़रमाया जो कोई
वुजु करे  और कुल्ली  और नाक में पानी
चढ़ाए तो उसके नाक और मुंह से उस के
गुनाह निकल  जाते है  और  जब  अपना
चेहरा धुलता है  तो उसके चेहरे से  गुनाह
निकल जाते है, यहा तक कि उसकी आखों
के किनारों से भी निकल जाते है
जब वह अपने  हाथ धुलता है  तो उस के
गुनाह उसके हाथों से निकल जाते है फिर
जब वह अपने सर का मसह करता है तो
उसके गुनाह उसके सरसे निकल जाते है
यहां तक कि उसके कानों से निकल जाते है
फिर जब वो अपने पैर धुलता है तो उसके
गुनाह उस के  पैर से निकल जाते है यहाँ
तककी पैरों के नाखूनों से भी निकल जाते
हैं  और उस की नमाज़ और उस मस्जिद
तक चलना उस के लिये मजीद सवाब व
बुलंदीए दरजात का बाइस होता है।
📚 ( इब्ने माज़ा : 1/24-25 )

मेरे प्यारे आक़ा  صَلَّى اللّٰهُ عَلَئهِٖ وَسَلَّم  के
प्यारे दीवानो ! इस हदीस में गुनाह के झड़ने का
जो  जिक्र है। उस से  मुराद गुनाहे  सगाइर है
क्यो की कबाइर तौबा के जरिये माफ़ होते है।
अलबत्ता  जिन के  गुनाह  सगाइर  नही  होते
सिर्फ गुनाह कबाइर होते है तो वुजु करने की
बरकत  से   उन  के   कबाइर  में   तख़फ़ीफ़
होजाती है और जिनके सगाइर-कबाइर दोनों
गुनाह नही होते तो अल्लाह عَزَّ وَجَلَّ अपने
फज्लो -करम से  उन के  दरजात  को  बुलंद
फरमा देता है।

अल्लाह عَزَّ وَجَلَّ हमे कहने सुनने से ज्यादा
अमल करने की तौफ़ीक़ अता करे
📚हवाला: बरकाते शरीअत स.85
       अताए हुजूर मुफ़्तीए आजम हिन्द
  मौलाना  मोहम्मद  शाकिर  अली  नूरी
          अमीर ए सुन्नी दावते इस्लामी
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किताबे: बरकाते शरीअत, बरकाते सुन्नते रसूल, माहे रामज़ान कैसें गुज़ारे, अन्य किताब लेखक: मौलाना शाकिर अली नूरी अमीर SDI हिन्दी टाइपिंग: युसूफ नूरी(पालेज गुजरात) & ऑनलाईन पोस्टिंग: मोहसिन नूरी मन्सुरी (सटाणा महाराष्ट्र) अल्लाह عَزَّ وَجَلَّ हमे कहने सुनने से ज्यादा अमल करने की तौफ़ीक़ अता करे आमीन. http://sditeam.blogspot.in