*बरकाते शरीअत पोस्ट -008*
*🔹الصــلوةوالسلام عليكيارسولالله*
*🔹ﷺ*
*
🏽कयामत आने का हाल और
🏽*
*
🏽उसकी चन्द निशानियां
🏽*
*अक़ीदा :-* एक दिन दुनिया और उसकी हर
चीज फना हो जायेगी। अल्लाह عَزَّ وَجَلَّ के
सिवा कुछ बाक़ी न रहेगा, इसी को कयामत
कहते हे कयामत आने से पहले उस की
निशानियां जाहिर होगी जिनमें से कुछ इस
तरह है :
चीज फना हो जायेगी। अल्लाह عَزَّ وَجَلَّ के
सिवा कुछ बाक़ी न रहेगा, इसी को कयामत
कहते हे कयामत आने से पहले उस की
निशानियां जाहिर होगी जिनमें से कुछ इस
तरह है :
➡ *दुनियासे इल्मे दीन उठ जायेगा यानी*
*उलमाए हक़ उठा लिये जायेगें।*
*उलमाए हक़ उठा लिये जायेगें।*
➡ *जहालत की कसरत होगी।*
➡ *शराब और जिना की कसरत होगी।*
➡ *मर्द अपनी औरत के कहने में होंगा*
*और मां- बाप से जुदा रहेगा।*
*और मां- बाप से जुदा रहेगा।*
➡ *गाने बजाने की कसरत होगी।*
➡ *पहले के लोगों पर लानत करेंगे,*
*उनको बुरा कहेंगे।*
*उनको बुरा कहेंगे।*
➡ *बदकार और ना अहल लोग सरदार*
*बनाए जाऐंगे।*
*बनाए जाऐंगे।*
➡ *दीन पर काइम रहना इतना कठिन*
*होगा जैसे मुट्ठी में अंगारा लेना।*
*होगा जैसे मुट्ठी में अंगारा लेना।*
➡ *वक़्त में बरकत न होगी यानी वक़्त*
*बहुत जल्द-जल्द गुजरेगा।*
*बहुत जल्द-जल्द गुजरेगा।*
➡ *दरिन्दे, जानवर, आदमीसे बात करेंगे*
➡ *सूरज पच्छिम से निकलेगा इसनिशानी*
*के जाहिर होते ही तौबा का दरवाजा*
*बन्द होजाएगा,* उस वक़्त इस्लाम लाना
कुबूल न होगा।
*बन्द होजाएगा,* उस वक़्त इस्लाम लाना
कुबूल न होगा।
*अल्लाहु अक्बर !* इन अलामात के सिवा
बड़ा दज्जाल भी आएगा और उस दज्जाल
के अलावा तीस दज्जाल और भी होंगे, जो
सब नबी होने का दावा करेंगे हालांकि नुबुव्वत
का सिलसिला ख़त्म हो चूका है। हमारे नबी
मुहम्मद صَلَّى اللّٰهُ عَلَئهِٖ وَسَلَّم के बाद
कयामत तक कोई नबी न होगा। इन दज्जालों
में बहोत से गुजर चुके जैसे मुसैलमए कज्जाब
तुलैहा बिन खुवैलिद, सजाह, असवद अनसी,
मिर्ज़ा अली मुहम्मद बाब, मिर्जा अली हुसैन
बहाउल्ला, मिर्जा गुलाम अहमद कादियानी
वगैरा और जो बाकी है वो जरूर जाहिर होंगे।
बड़ा दज्जाल भी आएगा और उस दज्जाल
के अलावा तीस दज्जाल और भी होंगे, जो
सब नबी होने का दावा करेंगे हालांकि नुबुव्वत
का सिलसिला ख़त्म हो चूका है। हमारे नबी
मुहम्मद صَلَّى اللّٰهُ عَلَئهِٖ وَسَلَّم के बाद
कयामत तक कोई नबी न होगा। इन दज्जालों
में बहोत से गुजर चुके जैसे मुसैलमए कज्जाब
तुलैहा बिन खुवैलिद, सजाह, असवद अनसी,
मिर्ज़ा अली मुहम्मद बाब, मिर्जा अली हुसैन
बहाउल्ला, मिर्जा गुलाम अहमद कादियानी
वगैरा और जो बाकी है वो जरूर जाहिर होंगे।
अल्लाह عَزَّ وَجَلَّ हमे कहने सुनने से ज्यादा
अमल करनेकी तौफ़ीक़ अता करे
*
हवाला: बरकाते शरीअत स.81 /82*
अताए हुजूर मुफ़्तीए आजम हिन्द
*मौलाना मोहम्मद शाकिर अली नूरी*
अमीर ए सुन्नी दावते इस्लामी
अमल करनेकी तौफ़ीक़ अता करे
*
अताए हुजूर मुफ़्तीए आजम हिन्द
*मौलाना मोहम्मद शाकिर अली नूरी*
अमीर ए सुन्नी दावते इस्लामी
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किताबे: बरकाते शरीअत, बरकाते सुन्नते रसूल, माहे रामज़ान कैसें गुज़ारे, अन्य किताब लेखक: मौलाना शाकिर अली नूरी अमीर SDI हिन्दी टाइपिंग: युसूफ नूरी(पालेज गुजरात) & ऑनलाईन पोस्टिंग: मोहसिन नूरी मन्सुरी (सटाणा महाराष्ट्र) अल्लाह عَزَّ وَجَلَّ हमे कहने सुनने से ज्यादा अमल करने की तौफ़ीक़ अता करे आमीन. http://sditeam.blogspot.in