बरकाते शरीअत पोस्ट -026
🔹بسم الله الرحمن الرحيم
🔹الصــلوةوالسلام عليكيارسولالله
🔹ﷺ
अम्मार علیہ الرحمہ मिस्वाक के फवाइद
के बारे में तहरीर फरमाते है :
👉🏾 मिस्वाक करना फरिश्तों की सुन्नत है।
👉🏾 फ़रिश्ते मिस्वाक करने वाले से मुसाफा
करते है।
👉🏾 फ़रिश्ते साथ चलते है जब वो नमाज़ के
लिए जाता है।
👉🏾 फ़रिश्ते उसके लिये इस्तिग़फार करते है
👉🏾 आमाल नामा सीधे हाथमें दिया जायेगा।
👉🏾 कजाए हाजत पर मदद करता है।
👉🏾 उसके लिये कब्र कुशादा हो जाती है।
👉🏾 लहद में मूनिस व गमख्वार होती है।
👉🏾 जन्नत के दरवाजे खोले जाते है।
👉🏾 जहन्नम के दरवाजे उस पर बन्द कर
दिये जाते है।
👉🏾 दुन्यासे पाकीजगी की हालत में निकलता है
👉🏾 फिरिश्ते मिस्वाक करने वाले के
मुतअल्लिक़ कहते है कि यह अंबियाकी
पैरवी करने वाला और उनके तरीके पर
चलने वाला है।
👉🏾 मलेकुल मौत मिस्वाक करने वाले की
रूह कब्ज करने के वक़्त उसी सूरत में
आते है जिस सूरत में अंबिया व औलिया
के पास आते है।
👉🏾 दुन्यासे रुखसत होते वक़्त नबी ए मुकर्रम
रसूले मोहतरमصَلَّى اللّٰهُ عَلَئهِٖ وَسَلَّم
के हौज से सैराब किया जाता है और
वह रहीके मख्तुम (खालिस शहद का
मोहर शुदा मशरूब) है।
मेरे प्यारे आक़ा صَلَّى اللّٰهُ عَلَئهِٖ وَسَلَّم के
प्यारे दीवानो ! इंसान का कोई भी अमल दो
मकसद के लिये होता है। या तो उसका उसमे
कोई दुनियावी फायदा होता है आख़िरत की
कोई भलाई मकसूद होती है मिस्वाक करना
ऐसा अमल है कि उसमे दुनिया के भी मुतअद्दिद
फवाइद मुज्मर है और आख़िरत के भी
मुख़्तलिफ़ फ़ज़ाइल पोशीदा हैं जैसा कि
आपने मज़कूरा सुतुर में मुलाहजा फ़रमाया।
लिहाजा हमें हर नमाज़ से क़ब्ल मिस्वाक
करने की आदत बनानी चाहिए।
अल्लाह عَزَّ وَجَلَّ हमे कहने सुनने से ज्यादा
अमल करनेकी तौफ़ीक़ अता करे
📚हवाला: बरकाते शरीअत स.97
अताए हुजूर मुफ़्तीए आजम हिन्द
मौलाना मोहम्मद शाकिर अली नूरी
अमीर ए सुन्नी दावते इस्लामी
SDI Web Visit : www.sunnidawateislami.net
👇🏽इसे क्लिककरे और भी पोस्ट पढ़े👇🏽
www.SDITeam.blogspot.in
👉🏽 ज्यादा से ज्यादा शेयर करे 👈🏽
〰 ✖ 〰 ✖〰✖ 〰 ✖ 〰
👉🏽 वुजु के फ़ज़ाइल पार्ट 18
🔹الصــلوةوالسلام عليكيارسولالله
🔹ﷺ
👇🏽मिस्वाक के फवाइद -2👇🏽
इसी तरह हजरत अल्लामा हसन बिनअम्मार علیہ الرحمہ मिस्वाक के फवाइद
के बारे में तहरीर फरमाते है :
👉🏾 मिस्वाक करना फरिश्तों की सुन्नत है।
👉🏾 फ़रिश्ते मिस्वाक करने वाले से मुसाफा
करते है।
👉🏾 फ़रिश्ते साथ चलते है जब वो नमाज़ के
लिए जाता है।
👉🏾 फ़रिश्ते उसके लिये इस्तिग़फार करते है
👉🏾 आमाल नामा सीधे हाथमें दिया जायेगा।
👉🏾 कजाए हाजत पर मदद करता है।
👉🏾 उसके लिये कब्र कुशादा हो जाती है।
👉🏾 लहद में मूनिस व गमख्वार होती है।
👉🏾 जन्नत के दरवाजे खोले जाते है।
👉🏾 जहन्नम के दरवाजे उस पर बन्द कर
दिये जाते है।
👉🏾 दुन्यासे पाकीजगी की हालत में निकलता है
👉🏾 फिरिश्ते मिस्वाक करने वाले के
मुतअल्लिक़ कहते है कि यह अंबियाकी
पैरवी करने वाला और उनके तरीके पर
चलने वाला है।
👉🏾 मलेकुल मौत मिस्वाक करने वाले की
रूह कब्ज करने के वक़्त उसी सूरत में
आते है जिस सूरत में अंबिया व औलिया
के पास आते है।
👉🏾 दुन्यासे रुखसत होते वक़्त नबी ए मुकर्रम
रसूले मोहतरमصَلَّى اللّٰهُ عَلَئهِٖ وَسَلَّم
के हौज से सैराब किया जाता है और
वह रहीके मख्तुम (खालिस शहद का
मोहर शुदा मशरूब) है।
मेरे प्यारे आक़ा صَلَّى اللّٰهُ عَلَئهِٖ وَسَلَّم के
प्यारे दीवानो ! इंसान का कोई भी अमल दो
मकसद के लिये होता है। या तो उसका उसमे
कोई दुनियावी फायदा होता है आख़िरत की
कोई भलाई मकसूद होती है मिस्वाक करना
ऐसा अमल है कि उसमे दुनिया के भी मुतअद्दिद
फवाइद मुज्मर है और आख़िरत के भी
मुख़्तलिफ़ फ़ज़ाइल पोशीदा हैं जैसा कि
आपने मज़कूरा सुतुर में मुलाहजा फ़रमाया।
लिहाजा हमें हर नमाज़ से क़ब्ल मिस्वाक
करने की आदत बनानी चाहिए।
अल्लाह عَزَّ وَجَلَّ हमे कहने सुनने से ज्यादा
अमल करनेकी तौफ़ीक़ अता करे
📚हवाला: बरकाते शरीअत स.97
अताए हुजूर मुफ़्तीए आजम हिन्द
मौलाना मोहम्मद शाकिर अली नूरी
अमीर ए सुन्नी दावते इस्लामी
SDI Web Visit : www.sunnidawateislami.net
👇🏽इसे क्लिककरे और भी पोस्ट पढ़े👇🏽
www.SDITeam.blogspot.in
👉🏽 ज्यादा से ज्यादा शेयर करे 👈🏽
〰 ✖ 〰 ✖〰✖ 〰 ✖ 〰
No comments:
Post a Comment
किताबे: बरकाते शरीअत, बरकाते सुन्नते रसूल, माहे रामज़ान कैसें गुज़ारे, अन्य किताब लेखक: मौलाना शाकिर अली नूरी अमीर SDI हिन्दी टाइपिंग: युसूफ नूरी(पालेज गुजरात) & ऑनलाईन पोस्टिंग: मोहसिन नूरी मन्सुरी (सटाणा महाराष्ट्र) अल्लाह عَزَّ وَجَلَّ हमे कहने सुनने से ज्यादा अमल करने की तौफ़ीक़ अता करे आमीन. http://sditeam.blogspot.in