Sunday 9 October 2016

🏽वुजू के मकरुहात, वुजु के फ़ज़ाइल पार्ट 23, बरकाते शरीअत पोस्ट -031

बरकाते शरीअत पोस्ट -031
👉🏽 वुजु के फ़ज़ाइल पार्ट 23
🔹بسم الله الرحمن الرحيم
🔹الصــلوةوالسلام‎ عليك‎‎يارسول‎الله
🔹ﷺ
            👇🏽वुजू के मकरुहात👇🏽

मेरे प्यारे आक़ा صَلَّى اللّٰه ُ عَلَئهِٖ وَسَلَّم  के
प्यारे दीवानो वुजू में हम जाने अंजाने में कुछ
ऐसे काम भी  कर बैठते हैं  जिन के  करने से
वुजू मकरूह हो जाता है और सवाब में कमी
वाके हो जाती है। दर्ज जैल चन्द बातें वुजू में
मकरूह है उनके करने से  हमें बचना चाहिये
ताकि  वुजू के मुकम्मल  फ़ज़ाइल व फवाइद
हासिल हो सकें।

✏ औरत के गुस्ल  या वुजू के  बचे हुए पानी से वुजू करना।
✏ नजिस जगह वुजू का पानी गिराना।
✏ मस्जिद के अंदर वुजू करना।
✏ वुजूके पानी के कतरे वुजू के बर्तन में टपकाना।
✏ किब्ला की तरफ कुल्ली का पानी या नाक, खखार, थूक डालना।
✏ बेजरुरत  दुनिया  की  बातें  करना।
✏ जरुरत से ज्यादा पानी खर्च करना।
✏ इतना  कम  पानी   खर्च  करना  कि सुन्नतेँ अदा न हो।
✏ एक हाथ से मुंह धोना।
✏ मुंह पर पानी मारना।
✏ वुजू के कतरों को कपडे या मस्जिद में टपकने देना।
✏ वुजूकी किसी सुन्नत को छोड़ देना।

📚 (कानूने शरीअत)

अल्लाह عَزَّ وَجَلَّहमे कहने सुनने से ज्यादा
अमल करनेकी तौफ़ीक़ अता करे
📚हवाला: बरकाते शरीअत स.100
       अताए हुजूर मुफ़्तीए आजम हिन्द
  मौलाना  मोहम्मद  शाकिर  अली  नूरी
          अमीर ए सुन्नी दावते इस्लामी
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किताबे: बरकाते शरीअत, बरकाते सुन्नते रसूल, माहे रामज़ान कैसें गुज़ारे, अन्य किताब लेखक: मौलाना शाकिर अली नूरी अमीर SDI हिन्दी टाइपिंग: युसूफ नूरी(पालेज गुजरात) & ऑनलाईन पोस्टिंग: मोहसिन नूरी मन्सुरी (सटाणा महाराष्ट्र) अल्लाह عَزَّ وَجَلَّ हमे कहने सुनने से ज्यादा अमल करने की तौफ़ीक़ अता करे आमीन. http://sditeam.blogspot.in