Saturday 22 October 2016

🏽वुजू में एहतियात,🏽 वुजु के फ़ज़ाइल पार्ट 28, बरकाते शरीअत पोस्ट 36

बरकाते शरीअत पोस्ट 36
👉🏽 वुजु के फ़ज़ाइल पार्ट 28
🔹بسم الله الرحمن الرحيم
🔹الصــلوةوالسلام‎ عليك‎‎يارسول‎الله
🔹ﷺ

          👇🏽वुजू में एहतियात👇🏽
हजरत आइशा  सिद्दीका  رَضِىَ اللّٰهُ تَعَالٰى عنها ने अपने भाई अब्दुल रहमान बिन अबी
बकर को  वुजू  करते  हुए  देखा  तो  कहा :
ऐ अब्दुल रहमान! अच्छी तरह मुकम्मल वुजू
करो क्योंकि हुजूरصَلَّى اللّٰهُ عَلَئهِٖ وَسَلَّمने
फ़रमाया है :   " खुश्क  एड़ियों  के   लिये
जहन्नम का अजाब है।
📚 ( बुखारी शरीफ : 1/ 125 )

इस तरह  हजरत  जाबिर رَضِىَ اللّٰهُ تَعَالٰى عَنٔه से  रवायत है  कि  हुजूर  नबी  ए करीम صَلَّى اللّٰه ُ عَلَئهِٖ وَسَلَّم  ने  एक  शख्स के
क़दम में  खुश्की देखी  तो फ़रमाया  एड़ियों
के लिये हलाकत का अजाब है।
📚 (शरहे मआनियुल आसार : 1/ 34 )

मेरे प्यारे आक़ा  صَلَّى اللّٰهُ عَلَئهِٖ وَسَلَّم के
प्यारे दीवानो! वुजू करते  वक़्त आजाए वुजू
के धुलने में बेहद एहतियात जरुरी है कि अगर
जिन आजा का धोना फ़र्ज़ है उनमे किसी के
धुलने में एक बालके बराबर भी जगह बाकी
रह  जाए  तो वुजू  न होगा।  सदरुश शरीआ
अल्लामा अमजद  अली رحمت الله عليه
तहरीर फरमाते है कि किसी उज्वके धोने का
यह मअना है  कि उस उज्व के हर हिस्से पर
कम  से  कम   दो   बून्द   पानी   बह   जाए
भीगजाने या तेलकी तरह पानी चोपदना एक
आधा बून्द बहजाने को धोना नही कहेंगे और
न ही इससे  वुजू होगा। इस अम्र का लिहाज
बहुत जरूरी है। लोग इसकी तरफ तवज्जोह
नहीं देते और नमाजे अकारत जाती है। बदन
में बाज जगहें ऐसी हैं कि जबतक उनका खास
ख्याल न किया जाए उन पर पानी न बहेगा।
📚 ( बहारे शरीअत : 2/ 74 )

मजकुरा हदीस में  हजरत आइशा ने हजरत
अब्दुर रहमान को ताकीद फ़रमाई और हुजूर صَلَّى اللّٰهُ عَلَئهِٖ وَسَلَّم का फरमान बताया
कि जो लोग वुजू में एहतियात नही करते उनके
लिये "वैल" है, हदीसे मुबारका में है  कि वैल
जहन्नम की एक वादीका नाम है अगर उसमें
दुनिया के पहाड डाले जाएं  तो वे भी उसकी
शदीद गर्मीकी वजह से  पिघल जाएं। हमारी
जरा  सी  बेएहतियाती  की  वजह  से  हम
अल्लाह عَزَّ وَجَلَّ के इतने सख्त अजाब के
शिकार हो सकते हैं लिहाजा हमें आजाए वुजू के
धुलने में मुकम्मल एहतियात बरतना चाहिये।

अल्लाह عَزَّ وَجَلَّहमे कहने सुनने से ज्यादा
अमल करने की तौफ़ीक़ अता करे
📚हवाला: बरकाते शरीअत स.105
       अताए हुजूर मुफ़्तीए आजम हिन्द
  मौलाना  मोहम्मद  शाकिर  अली  नूरी
          अमीर ए सुन्नी दावते इस्लामी

SDI Web Visit : www.sunnidawateislami.net
👇🏽इसे क्लिककरे और भी पोस्ट पढ़े👇🏽
       www.SDITeam.blogspot.in

     👉🏽 ज्यादा से ज्यादा शेयर करे 👈🏽
        〰 ✖ 〰 ✖〰✖ 〰 ✖ 〰

No comments:

Post a Comment

किताबे: बरकाते शरीअत, बरकाते सुन्नते रसूल, माहे रामज़ान कैसें गुज़ारे, अन्य किताब लेखक: मौलाना शाकिर अली नूरी अमीर SDI हिन्दी टाइपिंग: युसूफ नूरी(पालेज गुजरात) & ऑनलाईन पोस्टिंग: मोहसिन नूरी मन्सुरी (सटाणा महाराष्ट्र) अल्लाह عَزَّ وَجَلَّ हमे कहने सुनने से ज्यादा अमल करने की तौफ़ीक़ अता करे आमीन. http://sditeam.blogspot.in